Sex with virgin girl - कुंवारी लड़की के साथ सेक्स
कुंवारी लड़की के साथ सेक्स - Sex with virgin girl
Lets Start
- हमारे घर के पास एक लड़की रहती है, उसका नाम चारू है, उसे प्यार से मैं कभी-2 डिक्सी भी बुलाता हूँ, वो मुझसे चार साल बड़ी है और उसने मास्टर ऑफ़ कंप्यूटर किया हुआ है। उसके पास मैं कई बार पढ़ने के लिए चला जाया करता था। पहले मैं सिर्फ एक छात्र की तरह ही पढ़ाई करता था, वो कई बार मुझे कहती थी- वाह, क्या लग रहे हो ! आज तो कमाल हो गया।
- तो मैं मुस्करा दिया करता था।
- हम ऐसे ही पढ़ते रहे बहुत दिनों तक, फिर एक दिन वो एक नया सिम ले आई और उसने मेरे नम्बर पर मैसेज सेंड किया- ‘हैप्पी न्यू इयर !’
- मैंने मैसेज सेंड किया- कौन हो तुम?
- तो उसने उसने सेंड किया- पहचान लो !
- पर मैंने सोचा मेरा कोई दोस्त होगा साला जो तंग कर रहा है, तो मैंने कॉल की तो उसने फ़ोन काट दिया और मैं पागल हो रहा था कि कौन है यह जो बार बार मैसेज कर रहा है?
- तो जब मैं उसके पास पढ़ने के लिए गया तो मैंने उससे कहा- पता नहीं कोई मुझे तंग कर रहा है मैसेज सेंड करके और कॉल भी नहीं उठा रहा है।
- वो हंसने लगी और बोली- तेरी कोई गर्लफ़्रेंड होगी।
- मैं हंसने लगा और बोला- मेरी ऐसी किस्मत कहाँ है?
- वो बोली- क्यूँ?
- मैंने कहा- कौन करेगी मुझसे दोस्ती?
- तो वो बोली- कोई तो कर ही लेगी तेरे साथ !
- तो मुझे शक हुआ उस दिन से उस पर कि कुछ तो गड़बड़ है तो मैंने भी एक नया सिम ले लिया और उसके पास मैसेज सेंड किया तो उसने भी उत्तर दिया- कौन हो तुम?
- तो मैंने कहा- पहचान लो !
- तो उसने वो नम्बर अपने भाई को दे दिया कि पता लगा यह नम्बर किसका है, मेरे पास मैसेज आ रहे हैं।
- तो उसने मुझे कॉल की और हम दोनों की बहुत लड़ाई हुई फ़ोन पर तो मैंने आखिर उसे बता ही दिया अपने बारे में।
- तो वो कहने लगी- क्या यार, तू था, पहले बोल देता कि तू था !
- और जब मैं चारू के पास पढ़ने के लिए गया तो उसने मुझसे कहा- तू बहुत शरारती हो गया है।
- तो मैंने कहा- क्यूँ? मैंने क्या किया दीदी?
- तो उसने कहा- मुझे दीदी न बोला कर आगे से, और तूने मुझसे बताया क्यूँ नहीं कि तुम मैसेज कर रहे हो।
- तो मैंने कहा- आपने भी तो नहीं बताया था !
- इतना कहते ही वो हंसने लगी और उस दिन हमारे बीच फिर थोड़ी सी सेक्सी बातें हुई, गर्लफ़्रेंड क्यूँ नहीं है, कैसी लड़की पसंद है, तो मैंने कहा- आप जैसी, तो वो हँसते हँसते एकदम चुप हो गई और मुझे देखने लगी।
- मैं तो डर ही गया, मैंने मन ही कहा- आज तो तू गया बेटा, यह अब कही घर न बता दे।
- मुझे डर लग रहा था बहुत, फिर वो वह से उठ कर चली गई और 10 मिनट बाद आई, बोली- तो कर ले मेरे जैसे लड़की को प्रपोज़ !
- और हंस कर चली गई दूसरे कमरे में।
- और मैं भी घर आ गया तो मैंने उसके पास एक मैसेज सेंड किया उस दिन और उसने भी, फिर 1 महीने बाद मैंने उसे मैसेज में कह दिया- आई लव यू।
- तो उसने कहा- संदीप, आई लव यू।
- मैं हैरान रह गया और मैं उसी दिन उसके घर गया और वो मुझे देख के थोड़ी हंसी पहले और उसके पास बैठकर मैं पढ़ने लगा।
- फ़िर मैंने उसकी टांगों पर हाथ रख दिया और सहलाने लगा।
- वो कुछ न बोली। इतने में उसकी माँ आ गई और मैंने हाथ हटा लिया और पढ़ने लगा।
- फिर एक दिन उसके घर कोई न था, उसने मुझे कॉल की और बोली- आ जाओ आज ही घर पर कोई नहीं है।
- मैं 5 मिनट बाद ही उसके घर गया, जाकर बेड पर बैठ गया और वो मेरे सामने बैठ गई और बोली- मुझे शर्म आ रही है संदीप कि पहले तुम मेरे स्टुडेंट थे और अब !
- तो मैंने कहा- अब क्या?
- वो बोली- बहुत फर्क है अब !
- क्या लग रही थी वो ! मेरा तो लंड खड़ा हो गया था उसे देख कर, उसने काले रंग का सलवार-सूट डाला हुआ था उस दिन और उसके होंटों को देख कर मुझसे तो रहा नहीं जा रहा था तो मैंने उसे कहा- मुझे आपके पास बैठना है।
- वो आई मेरे पास और फिर मैंने उसका हाथ पकड़ लिया।
- वो कहने लगी- अंदर वाले रूम में चलते हैं।
- वहाँ एक छोटा सा बेड था तो मैंने उसे वहाँ बिठा दिया और उसके सामने बैठ कर उसे चूमने लगा।
- वो भी मेरा साथ दे रही थी।
- मैं उसे चूमता हुआ उसके गोल गोल टमाटर जैसे चूचों तक पहुँचा और उन्हें दबाने लगा, वो मेरी कमर को सहलाने लगी।
- फिर मैंने उसका कमीज-सलवार उतार दिया। चारू ने काले रंग की ब्रा-पैंटी पहन रखी थी। उसका जिस्म फूलों की तरह महक रहा था !
- “क्या देख रहे हो?” उसने कहा।
- “आप इतनी सुन्दर हैं कि कोई भी आपको देखता ही रह जाएगा !”
- और सबसे ज्यादा अच्छे उसके होंठ है जो मुझे मदमस्त कर देते हैं।
- मैं भूखे शेर की तरह टूट पड़ा !
- मैं उसकी गोल-मटोल चूचियों को ब्रा के ऊपर से ही दबाने लगा। वो मुझसे लिपट गई।
- मुझे लगा कि मुझसे भी ज्यादा लोग गर्म हैं इस दुनिया में, जो जिस्म की आग में तप रहे हैं !
- मैंने धीरे से उसके कान को काट लिया, उसके मुँह से उफ्फ्फ्फफ्फ़ की आवाज़ आई। वो मुझसे सांप की भांति लिपट गई।
- मैंने उसके होंट चूसना शुरु कर दिए और एक हाथ से कोमल सी चूची मसलने लगा। वो मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी। उसका हाथ मेरी पीठ को सहला रहा था। वो जिस्म की आग से तप रही थी। उसने मुझे अपनी ओर खींचा जैसे कह रही हो- मेरे जिस्म में समा जाओ !
- मैंने उसके जिस्म को ऐसे चाटना शुरु किया जैसे वो कोई लॉलीपॉप हो !
- फिर थोड़ी देर बाद घंटी बजी और हम दोनों डर गए कि आज तो मर गए, हमें लगा कि उसके मम्मी-पापा आ गये हैं, उसने अपने कपड़े पहने और बाल ठीक किये, मुझे कहा- अपनी किताब खोल कर बैठ !
- मैंने वैसा ही किया। वो दरवाजे पर गई।
- जब दरवाजा खुला तो मेरे सामने मेरी मम्मी थी। मैं तो सच में डर ही गया कि कहीं मम्मी को शक तो नहीं हो गया और चारू के चेहरे पर भी उदासी छा गई।
- मम्मी मेरे पास आई, बोली- बेटा पढ़ कर जल्दी आजियो, कुछ काम है।
- मैंने कहा- बस आने वाला हूँ थोड़ी देर में।
- और फिर मम्मी चली गई।
- चारू के मुंह से ‘ओह माय गोड’ निकला और हंसने लगी, बोली- आज तो मर ही गए थे !
- मैंने कहा- हाँ, बच तो गए !
- तो मैंने उसे फिर से पकड़ लिया और उसके होंटों को चूसने लगा।
- फिर थोड़ी देर बाद वो बोली- संदीप अब मन नहीं है, बाद में करेंगे।
- तो मैंने उसे छोड़ दिया और कहा- जैसा आपकी मर्जी !
- फिर दो महीनों के बाद एक दिन मेरे घर कोई न था तो मैं उसके घर गया। वहाँ उसकी मम्मी थी, तो मैंने आंटी को कहा- आँटी चारू को मेरे घर भेज देना, नेट चलवाना है।
- तो आंटी बोली- बोल दूंगी।
- और फिर वो थोड़ी देर बाद मेरे घर आ गई। मैंने उसे अपने बेडरूम में बुलाया और कहा- आज मौका है।
- वो बोली- मतलब?
- मैंने कहा- मैडम, आज घर पर कोई नहीं है।
- तो वो बोली- नहीं, मुझे नहीं करना ये सब !
- जब मैंने कारण पूछा तो नहीं बताया, तो मैंने उसे पकड़ कर चूमना शुरु कर दिया और बेड पर लिटा दिया।
- मैंने जैसे ही उसकी सलवार उतारी तो वो रोने लगी और बोली- आज नहीं संदीप !
- मैंने कहा- क्यूँ नहीं?
- तो उसने बताया- मेरे मेंसेस आने वाले हैं।
- मैंने कहा- कोई बात नहीं ! मेरे पास कंडोम है।
- तो बोली- नहीं, फिर कभी।
- तो मैंने गुस्से में आकर उसे कह दिया- चल भाग जा यहाँ से ! साली, पागल इतनी डरती है? मैं तुमसे नफरत करता हूँ।
- तो दोस्तो, वो बहुत जोर से रोने लगी, इतनी जोर से कि आवाजें बाहर जा रही थी।
- तो मैंने उसे चुप किया और उसके होंटों को अपने होंटों में दबा लिया फिर वो रोते रोते बोली- तो कर लो पर आराम से ! मुझे डर लगता है यह सब करने में।
- तो मैंने कहा- डर कैसा?
- तो बोली- मैंने फिल्मो में देखा है कि बहुत गन्दी तरह से करते हैं वो, प्लीज़ तुम ऐसे मत करना।
- तो मैंने हंस कर कहा- तुम ब्लू फिल्म्स की बात कर रही हो?
- तो बोली- हाँ यार।
- तो मैंने अपने कंप्यूटर पर ब्लू फिल्म चला दी, उसने अपने हाथ अपनी आँखों पर रख लिए।
- मैंने उसके हाथ पकड़ लिए और जब फिल्म ख़त्म हुई तो मैंने पूछा- कैसी लगी?
- तो वो कुछ नहीं बोली।
- मैंने देखा तो उसकी नजरें झुकी थी और उसका चेहरा बिल्कुल लाल हो गया था।
- मैंने समय न ख़राब करते हुए उसके बालों को सहलाया और उसके बाल खोल दिए, वो अब और भी सुंदर लग रही थी।
- फिर मैंने उसके गालों को चूसना शुरु किया। वो अब भी कुछ न बोल रही थी, मैं समझ गया था कि अब वो सेक्स में पागल हो चुकी है, मैंने उसे पकड़ कर बेड पर लिटा दिया और उसके चूचों को दबाने लगा।
- उसके मुँह से हल्की-हल्की आवाजें आ रही थी- ऊह्ह आ आआ !
- मैंने उसकी चूत पर हाथ फेरना शुरु किया और वो भी पागल होती जा रही थी, मेरा तो लंड फटने को हो रहा था। मैंने अपनी पैंट खोल कर उसका हाथ पकड़ के अपने लंड पर लगा दिया, उसने मेरा लंड अपने हाथ में पकड़ लिया और उसे ऊपर-नीचे करने लगी।
- अब मुझे भी मजा आ रहा था।
- चारू बोली- संदीप, तेरा तो लंड बहुत बड़ा है।
- फिर हुई उसकी चुदाई शुरू, मैंने उसकी दोनों टांगो को उठाया, उनके बीच बैठ गया और उसकी चूत को पहले हल्के से उंगली से सहलाया और फिर उसके अंदर अपनी एक उंगली डाली। वो भी मजा लेने लगी। फिर मैंने अपनी दो उंगलियाँ डाली और उसके मुँह से आवाजें आनी शुरू हो गई- संदीप, बहुत दर्द हो रहा है, संदीप रहने दो !
- मैं कहाँ मानने वाला था, मैंने ५ मिनट तक किया और मैं देख रहा था कि वो मदहोश होती जा रही है। मैंने फिर उसकी गोरी गोरी गर्म चूत पर अपना मुँह लगा दिया और उसकी चूत को चाटने लगा।
- बस फिर क्या, उसके मुँह से आवाजें आनी शुरू हो गई- ऊह्ह्ह्ह आआ आआआअ !
- मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रख कर हल्का सा झटका ही मारा था कि वो दर्द के मारे रो उठी।
- मैं समझ गया कि वो कुंवारी बुर थी !
- उसके मुँह से आवाज आई- संदीप मत करो, बहुत दर्द हो रहा है।
- मैंने उसकी एक न सुनी और पहले तो उसकी आराम से चुदाई की और आराम से झटके मारे और उसके होटों पर अपने होंट रख दिए और आराम से चोदने लगा।
- थोड़ी देर में वो बोली- अब कण्ट्रोल नहीं होता, डाल दो सारा का सारा।
- मैंने उसकी बात को मानते हुए अपना 7 इंच का लंड उसकी चूत में उतार दिया और वो जोर से चिल्लाई- हाई माँ मार दी साले ने !
- बस मैं उसकी तरफ न देखते हुए उसे चोदता रहा और वो भी मेरा साथ दे रही थी।
- मैं जोर जोर से झटके मार रहा था और चारु भी मेरा साथ दे रही थी। ऐसा लग रहा था कि जैसे उसे दर्द हो ही न रहा हो !
- मैंने पूछा तो बोली- दर्द से बड़ी प्यास है ! पहले मेरी प्यास बुझ जाये ! प्लीज फाड़ डालो ! होने दो दर्द।
- करीब 20 मिनट चोदने के बाद मैं झड़ गया और वो भी।
- हम एक बिस्तर पर पड़े हुए गहरी सांसें ले रहे थे और काफ़ी देर तक हम ऐसे ही लेटे रहे।
- फिर वो बोली- संदीप, आई लव यू ! मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि तुम इतना मजा दे पाओगे क्यूंकि तुम मुझसे छोटे हो !
- तो मैंने कहा- लंड तो बड़ा है न?
- जब हम उठे तो देखा कि बिस्तर पर खून !
- वो डर गई !
- मैंने उसे समझाया कि ऐसा पहली बार में होता है, बस थोड़ी देर में सब ठीक हो जायेगा।
- इसके बाद अब वह इसकी आदी हो गई, अब तो मेरा जीन्स उतारने के लिए वह तैयार होती हैं
THE END
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